پاسخ های حضرت آیت الله العظمی روحانی (مد ظله العالی)به استفتائات قوه قضائیه و موسسه حقوقی وکلای بین الملل صفحه 105
- مقدمه: اجتهاد، رمز جاوید ماندن اسلام 1
- اشاره 1
- 2- در اسلام برای هر موضوعی حکمی است 4
- اشاره 11
- جواب: 12
- جواب: 13
- جواب: 14
- جواب 15
- جواب: 16
- جواب: 17
- جواب: 18
- جواب: 19
- جواب: 20
- جواب: 22
- جواب: 23
- جواب: 24
- جواب: 25
- جواب: 26
- جواب: 27
- جواب: 28
- جواب: 29
- جواب: 30
- جواب: 31
- جواب: 32
- جواب: 33
- جواب: 34
- جواب: 35
- جواب: 36
- جواب: 38
- جواب: 39
- جواب: 40
- جواب: 41
- جواب: 46
- جواب: 47
- جواب: 48
- جواب: 49
- جواب: 50
- جواب: 51
- جواب: 52
- جواب: 53
- جواب: 55
- جواب: 56
- جواب: 59
- جواب: 60
- جواب: 63
- جواب: 64
- جواب: 65
- جواب: 66
- جواب: 68
- جواب: 70
- جواب: 71
- جواب: 72
- جواب: 73
- جواب: 74
- جواب: 75
- جواب: 76
- جواب: 77
- جواب: 78
- جواب: 79
- جواب: 80
- جواب: 81
- جواب: 82
- جواب: 84
- جواب: 85
- جواب: 86
- جواب: 87
- جواب: 88
- جواب: 89
- جواب: 90
- جواب: 92
- جواب: 93
- جواب: 97
- جواب: 98
- جواب: 99
- جواب: 100
- جواب: 101
- جواب: 102
- جواب: 105
- جواب: 106
- جواب: 109
- جواب: 110
- جواب: 111
- جواب: 112
- جواب: 115
- جواب: 116
- جواب: 117
- جواب: 118
- جواب: 119
- جواب: 120
- جواب: 121
- جواب: 123
- جواب: 124
- جواب: 125
- جواب: 126
- جواب: 127
- جواب: 129
- جواب: 130
- جواب: 132
- جواب: 133
- جواب: 135
- جواب: 136
- جواب: 138
- جواب: 139
- جواب: 141
- جواب: 142
- جواب: 143
- جواب: 145
- جواب: 146
- جواب: 147
- جواب: 148
- جواب: 149
- جواب: 150
- جواب: 151
- جواب: 152
- جواب: 153
- جواب: 154
- اشاره 156
- جواب: 159
- جواب: 160
- جواب: 161
- جواب: 162
- جواب: 163
- جواب: 164
- جواب: 165
- جواب: 166
- جواب: 167
- جواب: 168
- جواب: 169
- جواب: 170
- جواب: 171
- جواب: 172
- جواب: 173
- جواب: 174
- جواب: 175
- جواب: 176
- جواب: 177
- جواب: 178
- جواب: 179
- جواب: 180
- جواب: 181
- جواب: 182
- جواب: 183
- جواب: 184
- جواب: 185
- جواب: 186
- جواب: 187
- جواب: 188
- جواب: 189
- جواب: 190
- جواب: 191
- جواب: 192
- جواب: 193
- جواب: 194
- جواب: 195
- جواب: 196
- جواب: 197
- جواب: 198
- جواب: 199
- جواب: 200
- جواب: 201
- جواب: 202
- جواب: 203
- جواب: 204
- جواب: 205
- جواب: 206
- جواب: 207
- جواب: 208
- جواب: 209
- جواب: 210
- جواب: 211
- جواب: 212
- جواب: 213
- جواب: 214
- جواب: 215
- جواب: 216
- جواب: 217
- جواب: 218
- جواب: 219
- جواب: 220
- جواب: 221
- جواب: 222
- جواب: 223
- جواب: 224
- جواب: 225
- جواب: 226
- جواب: 227
- جواب: 228
- جواب: 229
- جواب: 230
- جواب: 231
- جواب: 232
- جواب: 233
- جواب: 234
- جواب: 235
- جواب: 236
- جواب: 237
- جواب: 238
- جواب: 239
- جواب: 240
- جواب: 241
- جواب: 242
- جواب: 243
- جواب: 244
- جواب: 245
- جواب: 246
- جواب: 247
- جواب: 248
- جواب: 249
- جواب: 250
- جواب: 251
- جواب: 252
- جواب: 253
- جواب: 254
- جواب: 255
- جواب: 256
- جواب: 257
- سؤال: 258
- جواب: 258
- جواب: 259
- جواب: 260
- جواب: 261
- جواب: 262
- جواب: 263
- جواب: 264
- جواب: 265
- جواب: 266
- جواب: 267
- جواب: 268
- جواب: 269
- جواب: 270
- جواب: 271
- جواب: 272
- جواب: 273
- جواب: 274
- جواب: 275
- جواب: 276
- جواب: 277
- جواب: 278
- جواب: 279
- جواب: 280
- جواب: 281
- جواب: 282
- جواب: 283
- جواب: 284
- جواب: 285
- جواب: 286
- جواب: 287
- جواب: 288
- جواب: 289
- جواب: 290
- جواب: 291
- جواب: 292
- جواب: 293
- جواب: 294
- جواب: 295
- جواب: 296
- جواب: 297
- جواب: 298
- جواب: 299
- جواب: 300
- جواب: 301
- جواب: 302
- جواب: 303
- جواب: 304
- جواب: 305
- جواب: 306
- جواب: 307
- جواب: 308
- جواب: 309
- جواب: 310
- جواب: 311
- جواب: 312
- جواب: 313
- جواب: 314
- جواب: 315
- جواب: 316
- جواب: 317
- جواب: 318
- جواب: 319
ص:107
1- (1) . تاریخ جواب استفتاء: 25 محرم 1420..
سؤال:
با توجه به عدم جواز قصاص مسلمان در برابر کافر، بفرمایید:
الف) آیا اسلام آوردن قاتل پس از ارتکاب قتل، مانع از اجرای قصاص میشود؟
ب) بر فرض مثبت بودن، پاسخ؛ آیا بین اسلام آوردن ظاهری (به انگیزه فرار از قصاص) با اسلام واقعی (قلبی) تفاوتی وجود دارد؟
جواب:
(باسمه جلت اسمائه)
الف) ظاهر روایات داله بر این که مسلم لایقتل بالکافر، این است که میزان اسلام حال قصاص است نه حال قتل. و در فرض سؤال چون قاتل در حال قصاص مسلمان است قصاص نمی شود.
ب) و مقتضای اطلاق روایاتی که اشاره شد، مانند حدیث جبّ این است، که بین اسلام ظاهری - و قلبی - تفاوتی نیست. ولی مقتضای عموم علتی که در روایتی که در مسأله ذمی که زنا به مسلمه نموده است موقع اجراء حد مسلمان شد، امام (ع) فرمود: این اسلام فایده ندارد، و تعلیل به آن فرمود: این است که در مقام بگوییم اسلام ظاهری برای فرار از قصاص فایده ندارد. (1)